# *भारत_को_एक_सूत्र_में_पिरोते_हैं_ये*
# *12_ज्योतिर्लिंग*
शिव महापुराण के अनुसार देवाधिदेव महादेव शिव के बारह ज्योतिर्लिंग हैं। इन्हें द्वादश ज्योतिर्लिंग के नाम से पहचाना जाता है। समूचे भारत वर्ष में हिमालय से लेकर सागरतट तक भगवान शिव के ये दिव्य ज्योतिर्लिंग विद्यमान हैं। मान्यता है कि इनमें से अधिकतर स्वयंस्फूर्त उत्पन्न हुए हैं यानी ये स्वयंभू हैं। सबसे खास बात यह कि शताब्दियों से ये 12 ज्योतिर्लिंग समूचे भारतवर्ष को एक सूत्र में पिरोने का काम कर रहे है।
क्या है ज्योतिर्लिंग
दरअसल 'ज्योतिर्लिंग' भगवान शिव का ही साकार रूप माना जाता है। शिव ने सबसे पहले स्वयं को ज्योतिर्लिंग के रूप में ही प्रगट किया था, ऐसी पौराणिक मान्यता है। यह भी मान्यता है कि भगवान शिव के कुल 64 ज्योतिर्लिंग हैं इनमें से 12 ज्योतिर्लिंगों को समस्त संसार में सबसे अधिक पूज्यनीय माना जाता है।
ये हैं *बारह ज्योतिर्लिंग*
समस्त भारत में विराजमान भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग, दरअसल भारतीय सांसकृतिक एकता को ही दर्शाते हैं। द्वादश ज्योतिर्लिंगों के बारे में जानकारी से पहले शिव महापुराण में उल्लिखित इस स्त्रोत को अवश्य पढ़ें :-
''सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालमोङ्कारममलेश्वरम्॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।
हिमालये तु केदारं घृष्णेशं च शिवालये॥
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रात: पठेन्नर:।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥''
शिव पुराण के शतरुद्र संहिता में भगवान शंकर के द्वादश (12) ज्योतिर्लिंगों की जानकारी मिलती है। ये सभी ज्योतिर्लिंग देश के विभिन्न हिस्सों में स्थापित हैं। द्वादश ज्योतिर्लिंगों का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है।
# *सोमनाथ (गुजरात)*: शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में सर्वप्रथम सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का वर्णन मिलता है। यह मंदिर वर्तमान गुजरात राज्य के सौराष्ट्र प्रमंडल में प्रभास पाटन नामक स्थान पर सागर किनारे स्थित है।
# *मल् लिकार्जुन (तेलंगाना)*: इसे श्रीशैल मल्लिकार्जुन भी कहते हैं। यह तेलंगाना प्रदेश के कुरनूल जिले में स्थित है। यहां मां दुर्गा का शक्तिपीठ भी स्थित है।
# *महाकालेश्वर (मप्र)*: मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर (प्राचीन अवंति) में स्थित स्वयंभू शिव महाकाल को महाकालेश्वर के नाम से जाना जाता है। यह दक्षिणमुखी शिवलिंग हैं। मंदिर के गर्भगृह में श्रीयंत्र निर्मित है। यहां भी शक्तिपीठ और ज्योतिर्लिंग दोनों विराजमान हैं।
# *ओंकारेश् वर (मप्र)* : मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के मध्य एक नदीद्वीप पर स्थित है द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से चौथे शिव भगवान ओंकारेश्वर। आप ममलेश्वर मंदिर में विराजमान हैं। जिस नदी द्वीप पर ओंकारेश्वर विराजमान हैं वह ऊँ के आकार का है।
#*केदारनाथ*(उत्तराखंड)*:-मान्यता है कि भगवान शिव के निवास स्थान कैलाश पर्वत के सबसे नजदीक स्थित हैं केदारनाथ। उत्तराखंड राज्य स्थित रुद्रप्रयाग जिले में हिमालय पर्वत पर स्थित हैं भगवान केदारनाथ। वर्ष के छह मास तक ही यहां श्रद्धालुओं का आना-जाना संभव है।
# *भीमशंकर (महाराष्ट्र)*: भीमशंकर ज्योतिर्लिंग को लेकर विद्वानों में मतभेद हैं। कुछ विद्वानों के अनुसार भीमशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र राज्य के पुणे के समीप स्थित हैं वहीं अन्य विद्वान इसे उत्तराखंड राज्य के काशीपुर में स्थित बताते हैं। एक अन्य मान्यता के अनुसार सह्याद्रि पर्वत श्रृंखला में भी इसे स्थापित माना जाता है।
# *काशी विश्वनाथ (उप्र)* : भारत के सबसे प्राचीन शहर वाराणसी में स्थित है विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग। इन्हें काशी विश्वनाथ भी कहते हैं। विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग गंगा नदी के किनारे स्थित है। यह शहर हिन्दुओं का सबसे पवित्र शहर माना जाता है।
# *त्रयंबकेश्वर (महाराष्ट्र)*: नासिक के समीप स्थित ज्योतिर्लिंग में विराजमान हैं भगवान त्रयंबकेश्वर। यह गोदावरी नदी का उद्गम स्थल भी है।
# *वैद्यनाथ (झारखंड)*: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार लंकाधिपति रावण ने यहीं पर भगवान शिव की उपासना की थी। मान्यता है कि यहीं पर तपस्या के दौरान रावण ने एक के बाद एक अपने शीष को शिव के चरणों में अर्पित कर दिया था। इस दौरान रावण बुरी तरह से जख्मी हो गया था जिसका उपचार खुद शिव ने वैद्य बनकर किया था। इसी कारण इस ज्योतिर्लिंग में विराजमान शिव को वैद्यनाथ कहते हैं।
# *नागेश् वरम् (महाराष्ट्र)*: 'नागेशम् दारुकावने' के रूप में प्रचलित इस ज्योतिर्लिंग के बारे में मान्यता है कि यह विश्व का सबसे पहला ज्योतिर्लिंग है। इस ज्योतिर्लिंग की स्थिति के बारे में भी मतभिन्नता है। कई विद्वानों का मानना है कि यह ज्योतिर्लिंग द्वारका (गुजरात) में है तो वहीं कई विद्वान इसे अल्मोड़ा (उत्तराखंड) के जागेश्वर मंदिर में स्थित भी मानते हैं। वहीं आम मतानुसार इसे महाराष्ट्र के मराठवाड़ा स्थित हिंगोली जिले में माना गया है।
# *रामेश् वरम् (तमिलनाडु)*: स्थानीय भाषा में इसे रामलिंगेश्वर ज्योतिर्लिंग भी कहते हैं। यह सबसे दक्षिण में स्थित ज्योतिर्लिंग हैं।
# *घृष् णेश्वर (महाराष्ट्र)* : महाराष्ट्र में औरंगाबाद के नजदीक दौलताबाद से 11 किलोमीटर दूर घृष्णेश्वर महादेव का मंदिर स्थित है। यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। कुछ लोग इसे घुश्मेश्वर के नाम से भी पुकारते हैं। बौद्ध भिक्षुओं द्वारा निर्मित एलोरा की प्रसिद्ध गुफाएं इस मंदिर के समीप ही स्थित हैं।