Saturday, April 29, 2017

बर्फ के फायदे

*बर्फ के ये 15 फायदे जानकर चौंक जाएंगे आप*

*1-कड़वी दवाई खाने से पहले मुंह में बर्फ का टुकड़ा रख लें, दवाई कड़वी ही नहीं लगेगी।*

*2- यदि आपने बहुत ज्यादा खा लिया है और खाना पच नहीं रहा, तो थोड़ा-सा बर्फ का टुकड़ा खा ले। खाना शीघ्र पच जाएगा।*

*3- यदि आपके पास मेकअप का भी समय नहीं है या आपकी त्वचा ढीली पड़ती जा रही है तो एक बर्फ का छोटा-सा टुकड़ा लेकर उसे किसी कपड़े में (हो सके तो मखमल का) लपेट चेहरे पर लगाइए। इससे आपके चेहरे की त्वचा टाइट होगी और यह टुकड़ा आपकी त्वचा में ऐसा निखार ला देगा जो और कहीं नहीं मिलेगा।*

*4- प्लास्टिक में बर्फ का टुकड़ा लपेटकर सिर पर रखने से सिरदर्द में राहत मिलती है।*

*5- यदि आपको शरीर में कहीं पर भी चोट लग गई है और खून निकल रहा है तो उस जगह बर्फ मसलने से खून बहना बंद हो जाता है।*

*6- कांटा चुभने पर बर्फ लगाकर उस हिस्से को सुन्न कर ले, कांटा या फांस आसानी से निकल जाएगा और दर्द भी नहीं होगा।*

*7- अंदरुनी यानी गुम चोट लगने पर बर्फ लगाने से खून नहीं जमता व दर्द भी कम होता है।*

*8- नाक से खून आने पर बर्फ को कपड़े में लेकर नाक के ऊपर चारों और रखें, थोड़ी देर में खून निकलना बंद हो जाएगा।*

*9- धीरे-धीरे बर्फ का टुकड़ा चूसने से उल्टी बंद हो जाती है।*

*10- पैरों की एड़ियों में बहुत ज्यादा तीखा दर्द हो तो बर्फ की क्यूब मलने से आराम मिलेगा।*

*11- आंखों के काले घेरे दूर करने के लिए खीरे के रस और गुलाब जल को मिलाकर बर्फ जमा लीजिए, फिर उस टुकड़े से काले घेरों पर मालिश करे, बहुत जल्द आपकी समस्या दूर होगी। और यदि ज्यादा देर मोबाइल या कंप्यूटर चलाने के बाद आपकी आंखें दर्द कर रही हैं तो बर्फ के टुकड़े को अपनी आंखों पर रखिए, जल्द ही राहत मिलेगी।*

*12- यदि आइब्रो बनवाते समय दर्द होता है तो एक बर्फ का टुकड़ा आइब्रो के चारों और घिस लीजिए, इससे यह हिस्सा थोड़ी देर के लिए सुन्न हो जाएगा और आपको दर्द भी नहीं होगा। यही तरीका शरीर के किसी और हिस्से पर भी लागू कर सकते हैं।*

*13- बर्फ का टुकड़ा गले के बाहर धीरे-धीरे मलने से गले की खराश ठीक हो जाती है।*
*14- जल जाने के तुरंत बाद बर्फ का टुकड़ा जले हुए स्थान पर लगाने से छाले और जलन शांत होती है। और निशान भी गहरा नही पड़ेगा।*

*15- इंजेक्शन लगने पर या पैर में मोच आने पर बर्फ मलने से दर्द, सूजन व खुजली कम होती है।*

Wednesday, April 26, 2017

सेहत की बात

👌👌👌👌👌👌👌👌👌
पानी में गुड डालिए, बीत जाए जब रात!
सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात!!
*धनिया की पत्ती मसल, बूंद नैन में डार!*
दुखती अँखियां ठीक हों, पल लागे दो-चार!!
*ऊर्जा मिलती है बहुत, पिएं गुनगुना नीर!*
कब्ज खतम हो पेट की, मिट जाए हर पीर!!
*प्रातः काल पानी पिएं, घूंट-घूंट कर आप!*
बस दो-तीन गिलास है, हर औषधि का बाप!!
*ठंडा पानी पियो मत, करता क्रूर प्रहार!*
करे हाजमे का सदा, ये तो बंटाढार!!
*भोजन करें धरती पर, अल्थी पल्थी मार!*
चबा-चबा कर खाइए, वैद्य न झांकें द्वार!!
*प्रातः काल फल रस लो, दुपहर लस्सी-छांस!*
सदा रात में दूध पी, सभी रोग का नाश!!
*प्रातः- दोपहर लीजिये, जब नियमित आहार!* तीस मिनट की नींद लो, रोग न आवें द्वार!!
*भोजन करके रात में, घूमें कदम हजार!*
डाक्टर, ओझा, वैद्य का , लुट जाए व्यापार !!
*घूट-घूट पानी पियो, रह तनाव से दूर!*
एसिडिटी, या मोटापा, होवें चकनाचूर!!
*अर्थराइज या हार्निया, अपेंडिक्स का त्रास!*
पानी पीजै बैठकर, कभी न आवें पास!!
*रक्तचाप बढने लगे, तब मत सोचो भाय!*
सौगंध राम की खाइ के, तुरत छोड दो चाय!!
*सुबह खाइये कुवंर-सा, दुपहर यथा नरेश!*
भोजन लीजै रात में, जैसे रंक सुरेश!!
*देर रात तक जागना, रोगों का जंजाल!*
अपच,आंख के रोग सँग, तन भी रहे निढाल^^
*दर्द, घाव, फोडा, चुभन, सूजन, चोट पिराइ!*
बीस मिनट चुंबक धरौ, पिरवा जाइ हेराइ!!
*सत्तर रोगों कोे करे, चूना हमसे दूर!*
दूर करे ये बाझपन, सुस्ती अपच हुजूर!!
*भोजन करके जोहिए, केवल घंटा डेढ!*
पानी इसके बाद पी, ये औषधि का पेड!!
*अलसी, तिल, नारियल, घी सरसों का तेल!*
यही खाइए नहीं तो, हार्ट समझिए फेल!
*पहला स्थान सेंधा नमक, पहाड़ी नमक सु जान!*
श्वेत नमक है सागरी, ये है जहर समान!!
*अल्यूमिन के पात्र का, करता है जो उपयोग!*
आमंत्रित करता सदा, वह अडतालीस रोग!!
*फल या मीठा खाइके, तुरत न पीजै नीर!*
ये सब छोटी आंत में, बनते विषधर तीर!!
*चोकर खाने से सदा, बढती तन की शक्ति!*
गेहूँ मोटा पीसिए, दिल में बढे विरक्ति!!
*रोज मुलहठी चूसिए, कफ बाहर आ जाय!*
बने सुरीला कंठ भी, सबको लगत सुहाय!!
*भोजन करके खाइए, सौंफ, गुड, अजवान!*
पत्थर भी पच जायगा, जानै सकल जहान!!
*लौकी का रस पीजिए, चोकर युक्त पिसान!*
तुलसी, गुड, सेंधा नमक, हृदय रोग निदान!
*चैत्र माह में नीम की, पत्ती हर दिन खावे !*
ज्वर, डेंगू या मलेरिया, बारह मील भगावे !!
*सौ वर्षों तक वह जिए, लेते नाक से सांस!*
अल्पकाल जीवें, करें, मुंह से श्वासोच्छ्वास!!
*सितम, गर्म जल से कभी, करिये मत स्नान!*
घट जाता है आत्मबल, नैनन को नुकसान!!
*हृदय रोग से आपको, बचना है श्रीमान!*
सुरा, चाय या कोल्ड्रिंक, का मत करिए पान!!
*अगर नहावें गरम जल, तन-मन हो कमजोर!*
नयन ज्योति कमजोर हो, शक्ति घटे चहुंओर!!
*तुलसी का पत्ता करें, यदि हरदम उपयोग!*
मिट जाते हर उम्र में,तन में सारे रोग। 🌸.  *संजय चौबे दुर्ग छत्तीसगढ़*
*कृपया इस जानकारी को जरूर आगे बढ़ाएं*

Tuesday, April 18, 2017

Twelve Jyotirling

# *भारत_को_एक_सूत्र_में_पिरोते_हैं_ये*
# *12_ज्योतिर्लिंग*
शिव महापुराण के अनुसार देवाधिदेव महादेव शिव के बारह ज्योतिर्लिंग हैं। इन्हें द्वादश ज्योतिर्लिंग के नाम से पहचाना जाता है। समूचे भारत वर्ष में हिमालय से लेकर सागरतट तक भगवान शिव के ये दिव्य ज्योतिर्लिंग विद्यमान हैं। मान्यता है कि इनमें से अधिकतर स्वयंस्फूर्त उत्पन्न हुए हैं यानी ये स्वयंभू हैं। सबसे खास बात यह कि शताब्दियों से ये 12 ज्योतिर्लिंग समूचे भारतवर्ष को एक सूत्र में पिरोने का काम कर रहे है।
क्या है ज्योतिर्लिंग
दरअसल 'ज्योतिर्लिंग' भगवान शिव का ही साकार रूप माना जाता है। शिव ने सबसे पहले स्वयं को ज्योतिर्लिंग के रूप में ही प्रगट किया था, ऐसी पौराणिक मान्यता है। यह भी मान्यता है कि भगवान शिव के कुल 64 ज्योतिर्लिंग हैं इनमें से 12 ज्योतिर्लिंगों को समस्त संसार में सबसे अधिक पूज्यनीय माना जाता है।
ये हैं *बारह ज्योतिर्लिंग*
समस्त भारत में विराजमान भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग, दरअसल भारतीय सांसकृतिक एकता को ही दर्शाते हैं। द्वादश ज्योतिर्लिंगों के बारे में जानकारी से पहले शिव महापुराण में उल्लिखित इस स्त्रोत को अवश्य पढ़ें :-
''सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालमोङ्कारममलेश्वरम्॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।
हिमालये तु केदारं घृष्णेशं च शिवालये॥
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रात: पठेन्नर:।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥''
शिव पुराण के शतरुद्र संहिता में भगवान शंकर के द्वादश (12) ज्योतिर्लिंगों की जानकारी मिलती है। ये सभी ज्योतिर्लिंग देश के विभिन्न हिस्सों में स्थापित हैं। द्वादश ज्योतिर्लिंगों का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है।
# *सोमनाथ (गुजरात)*: शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में सर्वप्रथम सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का वर्णन मिलता है। यह मंदिर वर्तमान गुजरात राज्य के सौराष्ट्र प्रमंडल में प्रभास पाटन नामक स्थान पर सागर किनारे स्थित है।
# *मल् लिकार्जुन (तेलंगाना)*: इसे श्रीशैल मल्लिकार्जुन भी कहते हैं। यह तेलंगाना प्रदेश के कुरनूल जिले में स्थित है। यहां मां दुर्गा का शक्तिपीठ भी स्थित है।
# *महाकालेश्वर (मप्र)*: मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर (प्राचीन अवंति) में स्थित स्वयंभू शिव महाकाल को महाकालेश्वर के नाम से जाना जाता है। यह दक्षिणमुखी शिवलिंग हैं। मंदिर के गर्भगृह में श्रीयंत्र निर्मित है। यहां भी शक्तिपीठ और ज्योतिर्लिंग दोनों विराजमान हैं।
# *ओंकारेश् वर (मप्र)* : मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के मध्य एक नदीद्वीप पर स्थित है द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से चौथे शिव भगवान ओंकारेश्वर। आप ममलेश्वर मंदिर में विराजमान हैं। जिस नदी द्वीप पर ओंकारेश्वर विराजमान हैं वह ऊँ के आकार का है।
#*केदारनाथ*(उत्तराखंड)*:-मान्यता है कि भगवान शिव के निवास स्थान कैलाश पर्वत के सबसे नजदीक स्थित हैं केदारनाथ। उत्तराखंड राज्य स्थित रुद्रप्रयाग जिले में हिमालय पर्वत पर स्थित हैं भगवान केदारनाथ। वर्ष के छह मास तक ही यहां श्रद्धालुओं का आना-जाना संभव है।
# *भीमशंकर (महाराष्ट्र)*: भीमशंकर ज्योतिर्लिंग को लेकर विद्वानों में मतभेद हैं। कुछ विद्वानों के अनुसार भीमशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र राज्य के पुणे के समीप स्थित हैं वहीं अन्य विद्वान इसे उत्तराखंड राज्य के काशीपुर में स्थित बताते हैं। एक अन्य मान्यता के अनुसार सह्याद्रि पर्वत श्रृंखला में भी इसे स्थापित माना जाता है।
# *काशी विश्वनाथ (उप्र)* : भारत के सबसे प्राचीन शहर वाराणसी में स्थित है विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग। इन्हें काशी विश्वनाथ भी कहते हैं। विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग गंगा नदी के किनारे स्थित है। यह शहर हिन्दुओं का सबसे पवित्र शहर माना जाता है।
# *त्रयंबकेश्वर (महाराष्ट्र)*: नासिक के समीप स्थित ज्योतिर्लिंग में विराजमान हैं भगवान त्रयंबकेश्वर। यह गोदावरी नदी का उद्गम स्थल भी है।
# *वैद्यनाथ (झारखंड)*: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार लंकाधिपति रावण ने यहीं पर भगवान शिव की उपासना की थी। मान्यता है कि यहीं पर तपस्या के दौरान रावण ने एक के बाद एक अपने शीष को शिव के चरणों में अर्पित कर दिया था। इस दौरान रावण बुरी तरह से जख्मी हो गया था जिसका उपचार खुद शिव ने वैद्य बनकर किया था। इसी कारण इस ज्योतिर्लिंग में विराजमान शिव को वैद्यनाथ कहते हैं।
# *नागेश् वरम् (महाराष्ट्र)*: 'नागेशम् दारुकावने' के रूप में प्रचलित इस ज्योतिर्लिंग के बारे में मान्यता है कि यह विश्व का सबसे पहला ज्योतिर्लिंग है। इस ज्योतिर्लिंग की स्थिति के बारे में भी मतभिन्नता है। कई विद्वानों का मानना है कि यह ज्योतिर्लिंग द्वारका (गुजरात) में है तो वहीं कई विद्वान इसे अल्मोड़ा (उत्तराखंड) के जागेश्वर मंदिर में स्थित भी मानते हैं। वहीं आम मतानुसार इसे महाराष्ट्र के मराठवाड़ा स्थित हिंगोली जिले में माना गया है।
# *रामेश् वरम् (तमिलनाडु)*: स्थानीय भाषा में इसे रामलिंगेश्वर ज्योतिर्लिंग भी कहते हैं। यह सबसे दक्षिण में स्थित ज्योतिर्लिंग हैं।
# *घृष् णेश्वर (महाराष्ट्र)* : महाराष्ट्र में औरंगाबाद के नजदीक दौलताबाद से 11 किलोमीटर दूर घृष्णेश्वर महादेव का मंदिर स्थित है। यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। कुछ लोग इसे घुश्मेश्वर के नाम से भी पुकारते हैं। बौद्ध भिक्षुओं द्वारा निर्मित एलोरा की प्रसिद्ध गुफाएं इस मंदिर के समीप ही स्थित हैं।

Wednesday, April 12, 2017

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बिटक्वॉयन जैसी वर्चुअल करेंसी के लिए तय होंगे कायदे-कानून

बिटक्वॉयन जैसी वर्चुअल करेंसी के लिए तय होंगे कायदे-कानून, सुझाव देने के लिए बनी समिति http://abpnews.abplive.in/business/guidelines-will-come-for-vertual-currency-bitcoin-one-committee-will-be-formed-596139 -Shared via ABP Live App

Know the city name by vehicle number in Bihar

जानिये कौन सी गाड़ी बिहार के किस शहर की है, 🚗🚗🚗
BR-01 पटना
BR-02 गया
BR-03 भोजपुर
BR-04 छपरा
BR-05 मोतिहारी
BR-06 मुजफ्फरपुर
BR-07 दरभंगा
BR-08 मुंगेर
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| BR-09 बेगूसराय |
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BR-10 भागलपुर
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