Tuesday, April 7, 2020

Hinduism

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*दो लिंग :* नर और नारी ।
*दो पक्ष :* शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।
*दो पूजा :* वैदिकी और तांत्रिकी (पुराणोक्त)।
*दो अयन :* उत्तरायन और दक्षिणायन।

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*तीन देव :* ब्रह्मा, विष्णु, शंकर।
*तीन देवियाँ :* महा सरस्वती, महा लक्ष्मी, महा गौरी।
*तीन लोक :* पृथ्वी, आकाश, पाताल।
*तीन गुण :* सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण।
*तीन स्थिति :* ठोस, द्रव, गैस ।
*तीन स्तर :* प्रारंभ, मध्य, अंत।
*तीन पड़ाव :* बचपन, जवानी, बुढ़ापा।
*तीन रचनाएँ :* देव, दानव, मानव।
*तीन अवस्था :* जागृत, मृत, बेहोशी।
*तीन काल :* भूत, भविष्य, वर्तमान।
*तीन नाड़ी :* इडा, पिंगला, सुषुम्ना।
*तीन संध्या :* प्रात:, मध्याह्न, सायं।
*तीन शक्ति :* इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति, क्रियाशक्ति।

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*चार धाम :* बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम्, द्वारका।
*चार मुनि :* सनत, सनातन, सनंद, सनत कुमार।
*चार वर्ण :* ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र।
*चार निति :* साम, दाम, दंड, भेद।
*चार वेद :* सामवेद, ॠग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद।
*चार स्त्री :* माता, पत्नी, बहन, पुत्री।
*चार युग :* सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग, कलयुग।
*चार समय :* सुबह,दोपहर, शाम, रात।
*चार अप्सरा :* उर्वशी, रंभा, मेनका, तिलोत्तमा।
*चार गुरु :* माता, पिता, शिक्षक, आध्यात्मिक गुरु।
*चार प्राणी :* जलचर, थलचर, नभचर, उभयचर।
*चार जीव :* अण्डज, पिंडज, स्वेदज, उद्भिज।
*चार वाणी :* ओम्कार्, अकार्, उकार, मकार्।
*चार आश्रम :* ब्रह्मचर्य, ग्रहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यास।
*चार भोज्य :* खाद्य, पेय, लेह्य, चोष्य।
*चार पुरुषार्थ :* धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष।
*चार वाद्य :* तत्, सुषिर, अवनद्व, घन।

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*पाँच तत्व :* पृथ्वी, आकाश, अग्नि, जल, वायु।
*पाँच देवता :* गणेश, दुर्गा, विष्णु, शंकर, सुर्य।
*पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ :* आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा।
*पाँच कर्म :* रस, रुप, गंध, स्पर्श, ध्वनि।
*पाँच  उंगलियां :* अँगूठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा।
*पाँच पूजा उपचार :* गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य।
*पाँच अमृत :* दूध, दही, घी, शहद, शक्कर।
*पाँच प्रेत :* भूत, पिशाच, वैताल, कुष्मांड, ब्रह्मराक्षस।
*पाँच स्वाद :* मीठा, चर्खा, खट्टा, खारा, कड़वा।
*पाँच वायु :* प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान।
*पाँच इन्द्रियाँ :* आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा, मन।
*पाँच वटवृक्ष :* सिद्धवट (उज्जैन), अक्षयवट (प्रयागराज), बोधिवट (बोधगया), वंशीवट (वृंदावन), साक्षीवट (गया)।
*पाँच पत्ते :* आम, पीपल, बरगद, गुलर, अशोक।
*पाँच कन्या :* अहिल्या, तारा, मंदोदरी, कुंती, द्रौपदी।

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*छ: ॠतु :* शीत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, बसंत, शिशिर।
*छ: ज्ञान के अंग :* शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द, ज्योतिष।
*छ: कर्म :* देवपूजा, गुरु उपासना, स्वाध्याय, संयम, तप, दान।
*छ: दोष :* काम, क्रोध, मद (घमंड), लोभ (लालच),  मोह, आलस्य।

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*सात छंद :* गायत्री, उष्णिक, अनुष्टुप, वृहती, पंक्ति, त्रिष्टुप, जगती।
सात स्वर : सा, रे, ग, म, प, ध, नि।
*सात सुर :* षडज्, ॠषभ्, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत, निषाद।
*सात चक्र :* सहस्त्रार, आज्ञा, विशुद्ध, अनाहत, मणिपुर, स्वाधिष्ठान, मूलाधार।
*सात वार :* रवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि।
*सात मिट्टी :* गौशाला, घुड़साल, हाथीसाल, राजद्वार, बाम्बी की मिट्टी, नदी संगम, तालाब।
*सात महाद्वीप :* जम्बुद्वीप (एशिया), प्लक्षद्वीप, शाल्मलीद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप, पुष्करद्वीप।
*सात ॠषि :* वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र, भारद्वाज।
*सात धातु (शारीरिक) :* रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा, वीर्य।
*सात रंग :* बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल।
*सात पाताल :* अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, रसातल, पाताल।
*सात पुरी :* मथुरा, हरिद्वार, काशी, अयोध्या, उज्जैन, द्वारका, काञ्ची।
*सात धान्य :* गेहूँ, चना, चांवल, जौ मूँग,उड़द, बाजरा।

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*आठ मातृका :* ब्राह्मी, वैष्णवी, माहेश्वरी, कौमारी, ऐन्द्री, वाराही, नारसिंही, चामुंडा।
*आठ लक्ष्मी :* आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी।
*आठ वसु :* अप (अह:/अयज), ध्रुव, सोम, धर, अनिल, अनल, प्रत्युष, प्रभास।
*आठ सिद्धि :* अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व।
*आठ धातु :* सोना, चांदी, तांबा, सीसा जस्ता, टिन, लोहा, पारा।

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*नवदुर्गा :* शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्मांडा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री।
*नवग्रह :* सुर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु।
*नवरत्न :* हीरा, पन्ना, मोती, माणिक, मूंगा, पुखराज, नीलम, गोमेद, लहसुनिया।
*नवनिधि :* पद्मनिधि, महापद्मनिधि, नीलनिधि, मुकुंदनिधि, नंदनिधि, मकरनिधि, कच्छपनिधि, शंखनिधि, खर्व/मिश्र निधि।

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*दस महाविद्या :* काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्तिका, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला।
*दस दिशाएँ :* पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, आग्नेय, नैॠत्य, वायव्य, ईशान, ऊपर, नीचे।
*दस दिक्पाल :* इन्द्र, अग्नि, यमराज, नैॠिति, वरुण, वायुदेव, कुबेर, ईशान, ब्रह्मा, अनंत।
*दस अवतार (विष्णुजी) :* मत्स्य, कच्छप, वाराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध, कल्कि।
*दस सती :* सावित्री, अनुसुइया, मंदोदरी, तुलसी, द्रौपदी, गांधारी, सीता, दमयन्ती, सुलक्षणा, अरुंधती।                        🕉🙏✡

*नोट : कृपया उपर्युक्त पोस्ट को बच्चो को कण्ठस्थ करा दे। इससे घर में भारतीय संस्कृति जीवित रहेगी।* 🍁

Tuesday, March 24, 2020

An example from Mahabharata to cope with corona

महाभारत युद्ध में अपने पिता द्रोणाचार्य के धोखे से मारे जाने पर अश्वत्थामा बहुत क्रोधित हो गये।

उन्होंने पांडव सेना पर एक बहुत ही भयानक अस्त्र "नारायण अस्त्र" छोड़ दिया।

इसका कोई भी प्रतिकार नहीं कर सकता था।यह जिन लोगों के हाथ में हथियार हो और लड़ने के लिए कोशिश करता दिखे उस पर अग्नि बरसाता था और तुरंत नष्ट कर देता था।

भगवान श्रीकृष्ण जी ने सेना को अपने अपने अस्त्र शस्त्र  छोड़ कर, चुपचाप हाथ जोड़कर खड़े रहने का आदेश दिया। और कहा मन में युद्ध करने का विचार भी न लाएं, यह उन्हें भी पहचान कर नष्ट कर देता है।

नारायण अस्त्र धीरे धीरे  अपना समय समाप्त होने पर शांत हो गया।

इस तरह पांडव सेना की रक्षा हो गयी।

इस कथा प्रसंग का औचित्य समझें?

हर जगह लड़ाई सफल नहीं होती।प्रकृति के प्रकोप से बचने के लिए हमें भी कुछ समय के लिए सारे काम छोड़ कर, चुपचाप हाथ जोड़कर, मन में सुविचार रख कर एक जगह ठहर जाना चाहिए। तभी हम इसके कहर से बचे रह पाएंगे।

कोरोना भी अपनी समयावधि पूरी करके शांत हो जाएगा।

भगवान श्रीकृष्ण जी का बताया हुआ उपाय है, यह व्यर्थ नहीं जाएगा ।
🙏

अत: आज प्रधानमन्त्री द्वारा लगाये गये २१ दिन के लॉकडाउन का पालन हम सभी भारतीय की आवश्यकता हीं नहीं अपितु कर्तव्य है।

प्रधानन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का यह संदेश कोरोना से मुक्ति के लिए जन युद्ध की तरह है जिसे २१ दिनों के "नैसर्गिक सत्याग्रह" के द्वारा  लड़ा जाना है। 
हम अवश्य जीतेंगे।

को - कोई
रो- रोड पर
ना- ना निकले

महामारी-नाश के लिये

नमस्कार मित्रों |
आज मैं आप सब के समक्ष एक बात कहना चाहता हूँ| यह बात तो किसी से भी छिपी हुई नहीं है कि आज पूरे विश्व समेत हमारा देश भी Corona (COVID-19) virus के आतंक को झेल रहा है| यूँ तो कई लोग सोशल नेटवर्किंग साइट पर इस महामारी का इलाज बता रहे हैं परंतु इस बीमारी का कोई पुख्ता इलाज अब तक नहीं मिल पाया है | स्वच्छता और  कुछ सावधानियां बरतकर हम इसे फैलने से रोक सकते हैं |
दोस्तों, अगर थोड़ा अलग सोचते हैं| जरा सोचिए मित्रों, अगर एक virus जिसे हम अपने आखों से देख नहीं पाते हैं, और वो हमे मार सकता है, तो क्या वो ईश्वर जिसे भी हम अपने आखों से नहीं देख पाते हैं, वो हमे बचा नहीं सकते हैं?
बिल्कुल बचा सकते हैं दोस्तों, क्यूँकी जहां हम इंसानों की सोच, पहुंच और टेक्नोलॉजी खत्म होती है वहां से ईश्वरीय शक्ति प्रारंभ होती है |
दोस्तों सनातन धर्म में इंसानो की हर समस्याओं का समाधान बताया गया है | आज मैं उसी समाधान को आप सबों के समक्ष रखने आया हूँ |
कल यानी कि दिनांक 25 मार्च 2020 से चैत्र नवरात्रि प्रारंभ हो रही है | नवरात्रि माँ भगवती की उपासना का विशेष पर्व है और श्री दुर्गा सप्तशती माँ का अत्यंत प्रिय ग्रंथ है| श्री दुर्गा सप्तशती मे माँ ने महर्षि मार्कण्डेय के माध्यम से अपने भक्तों की हर समस्या का समाधान बताया है |
श्री दुर्गा सप्तशती मे माँ विश्वव्यापी महामारी को दूर करने के लिए एक महामंत्र बताया है, जो कि नीचे के फोटो मे आप देख सकते हैं |
तो दोस्तों इस नवरात्रि हम सब मिल कर इस महामंत्र से माँ की उपासना कर उनसे प्रार्थना करेंगे कि इस महामारी से हमारे देश और पूरे विश्व की रक्षा करें| आपको बस इतना करना होगा कि आने वाले 9 दिनों तक माँ के इस मंत्र का यथाशक्ति पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ जप करना होगा और प्रार्थना करनी होगी |
इस मैसेज को आगे भी फॉरवर्ड करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस कड़ी मे शामिल हो सके |

अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें |
भारत सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करे और यथासम्भव घर में ही रहें |

जय माता दी!

contact in emergency - Hazaribagh

Sunday, March 22, 2020

Sunday, March 15, 2020

Friday, March 13, 2020

Tuesday, March 10, 2020

Saturday, March 7, 2020

Thursday, March 5, 2020

corona will also be covered in health insurance - LIC

By - Ajit, insurance advisor, LIC, 
जिला मंत्री, विश्व हिन्दू परिषद
Mob - +91 99345 16234

corona - करो ना

बन्द करो #करोना  का रोना
बनो सनातन कुछ ना होना
तन- मन- जीवन हिन्दू हो तो
सदा स्वस्थ कोई रोग ना होना
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करना है तो करो नमस्ते 
             शेक हैंड मत "#करोना"
खाना में शाकाहार करो ,
               मांसाहार मत " #करोना"
रोज करो तुलसी का सेवन ,
                धूम्रपान मत " #करोना"
नीम गिलोय का घूंट भरो 
             मदिरा पान मत " #करोना*
देशी भोजन रोज करो
             फ़ास्ट फ़ूड मत " #करोना"
हाथ साफ दस बार करो 
             कहीं गंदगी मत " #करोना*
अग्नि संस्कार करो शव का
             लाश दफन मत " #करोना*

Alert for corona : Modi

29 cases of corona in India

Wednesday, March 4, 2020

Tuesday, March 3, 2020

Sunday, February 2, 2020

Tax analysis old vs new regime

Follow this table to decide about the tax slab beneficial for you, old or new

Saturday, January 25, 2020

Tuesday, January 14, 2020

postal department savings and returns

why makar sankranti on 15 January now

*कृपया जान लीजिये कि संक्रान्ति अब 15 जनवरी को क्यों हो रही है?*

वर्ष 2008 से 2080 तक मकर संक्राति 15 जनवरी को होगी। 
विगत 72 वर्षों से (1935 से) प्रति वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को ही पड़ती रही है।

2081 से आगे 72 वर्षों तक अर्थात 2153 तक यह 16 जनवरी को रहेगी। 

ज्ञातव्य रहे, कि *सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश* (संक्रमण) का दिन मकर संक्रांति के रूप में जाना जाता है। इस दिवस से, मिथुन राशि तक में सूर्य के बने रहने पर सूर्य उत्तरायण का तथा कर्क से धनु राशि तक में सूर्य के बने रहने पर इसे दक्षिणायन का माना जाता है।

सूर्य का धनु से मकर राशि में संक्रमण प्रति वर्ष लगभग 20 मिनिट विलम्ब से होता है। स्थूल गणना के आधार पर तीन वर्षों में यह अंतर एक घंटे का तथा 72 वर्षो में पूरे 24 घंटे का हो जाता है।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

*यही कारण है, कि अंग्रेजी तारीखों के मान से, मकर-संक्रांति का पर्व, 72 वषों के अंतराल के बाद एक तारीख आगे बढ़ता रहता है।*
विशेष:- यह धारणा पूर्णतः भ्रामक है, कि मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को आता है।

Thursday, January 2, 2020

छोटी बचत योजनाओं की मौजूदा ब्याज दरें

छोटी बचत योजनाओं की मौजूदा ब्याज दरें

* पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund (PPF interest Rate): 7.9%

* सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Scheme Interest Rate): 8.4%

* वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (Senior Citizens Savings Scheme Interest Rate): 8.6%

* नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स (National Savings Certificate (NSC) Interest Rate): 7.9%

* किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra (KVP) Interest Rate): 7.6%

* नेशनल सेविंग्स मंथली इनकम अकाउंट (Monthly Income Scheme Account, MIS Interest Rate): 7.6%

* नेशनल सेविंग्स रेकरिंग डिपॉटिज अकाउंट (National Savings Recurring Deposit Account Interest Rate): 7.2%